कन्हैया तेरी यादो में मैं जागु अब रातो में,
मैं दिल को सकूँ जरा ये चढ़ा है जनून तेरा,
तू ही तो मेरी सांसो में,
कन्हैया तेरी यादो में मैं जागु अब रातो में,
मेरे मन ने बस गई प्यारे प्यारी सी ये सूरत,
मन मंदिर में जब भी देखु देखु तेरी मूरत,
आँखों में तू खव्बो में तू मैं क्या करू,
मैं करू इंतज़ार तेरा तू कर विश्वाश मेरा,
तू ही तो मेरी सांसो में,
कन्हैया तेरी यादो में......
छोड़ के तुम को मैं कहा जाऊ तू ही मेरी मंजिल,
तू समझे या ना समझे तो मुझको अपने काबिल,
जिया कही लागे नहीं मैं क्या करू,
मैं करू इंतज़ार तेरा तू कर विश्वाश मेरा,
तू ही तो मेरी सांसो में,
कन्हैया तेरी यादो में....
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