Shendur Laal Chadhayo

शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको ।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको ।
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको ।
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥

जय देव जय देव,
जय जय श्री गणराज
विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन 
मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ॥

अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि ।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी ।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी ।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥
॥ जय देव जय देव...॥

भावभगत से कोई शरणागत आवे ।
संतत संपत सबही भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥

जय देव जय देव,
जय जय श्री गणराज
विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन 
मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ॥


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