बिगड़ी बना दो संतोषी माता
कुछ तो करो माँ संतोषी माता
अर्ज सुनो मोरी संतोषी माता
विपदा ऐसी आन पड़ी हैं
घिर घिर आये कारे बादल
दुःख की आंधी तेज चली हैं
किरपा करो दुःख ये हरो मदद करो
बिगड़ी बना दो संतोषी माता
दुःख तो लगाये घात बैठे हैं दिन रात
दर्द से मेरा कहो कैसा हैं नाता
कोई नहीं हैं पास बस एक तेरी आस
हमको दूजा यहाँ कोई न भाता
ओ माँ मोरी निर्बल मन को
तुम बल दोरी,तुम बल दोरी
किरपा करो,दुःख ये हरो,मदद करो
बिगड़ी बना दो संतोषी माता
विपदा ऐसी आन पड़ी हैं
घिर घिर आये कारे बादल
दुःख की आंधी तेज चली हैं
किरपा करो दुःख ये हरो मदद करो
बिगड़ी बना दो संतोषी माता
माँ आ आ आ संतोषी माँ
आ आ माँ आ आ संतोषी माँ आ
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