मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार मिला है,
तेरे आँचल की छाया में मन का फूल खिला है ।
तुने बुद्धि, तुने साहस, तुने ज्ञान दिया
मस्तक ऊँचा करके जीने के वरदान दिया माँ ।
तू है भाग्य विधाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए ॥
तेरे आँचल की छाया में मन का फूल खिला है ।
तुने बुद्धि, तुने साहस, तुने ज्ञान दिया
मस्तक ऊँचा करके जीने के वरदान दिया माँ ।
तू है भाग्य विधाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए ॥
जब से दो नैनो में तेरी पावन ज्योत समायी,
मंदिर मंदिर तेरी मूरत देने लगी दिखाई ।
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी डाल दिया है डेरा,
निस दें करे जो तेरी सेवा मैं वो दास हूँ तेरा ।
रहूँ तेरे गुण गाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए ॥
मंदिर मंदिर तेरी मूरत देने लगी दिखाई ।
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी डाल दिया है डेरा,
निस दें करे जो तेरी सेवा मैं वो दास हूँ तेरा ।
रहूँ तेरे गुण गाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए ॥
ओह शेरावाली … जय माता दी , ओह मैहरवाली … जय माता दी
ओह पहाड़ावाली … जय माता दी , ओह ज्योतावाली … जय माता दी
ओह सउँसे बोलो … जय माता दी , ओह प्रेमसे बोलो… जय माता दी
ओह सराय बोलो … जय माता दी , ओह जय माता दी … जय माता दी
ओह लाटावाली … जय माता दी , ओह आंबे रानी … जय माता दी
ओह पहाड़ावाली … जय माता दी , ओह ज्योतावाली … जय माता दी
ओह सउँसे बोलो … जय माता दी , ओह प्रेमसे बोलो… जय माता दी
ओह सराय बोलो … जय माता दी , ओह जय माता दी … जय माता दी
ओह लाटावाली … जय माता दी , ओह आंबे रानी … जय माता दी
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