आज शनिवार है शनि देव का वार है,
पावन दिन है आज जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
शरदा भाव से जो चिंतन कर शनि देव को भजते है,
जीवन की हर शन में उसका ध्यान शनि जी रखते है,
महिमा अपार है शनिदेव का वार है जोड़ लो अपने हाथ,
जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
शनि देव के गुण जो गाते राज पाठ सुख सम्पति पाते,
अत्याचार से मुक्त करा के दीन दुखी के कष्ट मिटा ते,
करते वो उधार है शनि देव का वार है फैला लो झोली आज,
जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
कला कपडा तिल और तेल शनि देव को चढ़ाते है,
ग्रह दशा साढ़े साती से शीग्र मुक्त हो जाते है,
नइयाँ वेडा पार है शनिदेव का वार है ज्योत जला लो आज,
जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
पावन दिन है आज जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
शरदा भाव से जो चिंतन कर शनि देव को भजते है,
जीवन की हर शन में उसका ध्यान शनि जी रखते है,
महिमा अपार है शनिदेव का वार है जोड़ लो अपने हाथ,
जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
शनि देव के गुण जो गाते राज पाठ सुख सम्पति पाते,
अत्याचार से मुक्त करा के दीन दुखी के कष्ट मिटा ते,
करते वो उधार है शनि देव का वार है फैला लो झोली आज,
जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
कला कपडा तिल और तेल शनि देव को चढ़ाते है,
ग्रह दशा साढ़े साती से शीग्र मुक्त हो जाते है,
नइयाँ वेडा पार है शनिदेव का वार है ज्योत जला लो आज,
जय जय शनि देव महाराज रखलो भगतन की तुम लाज,
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