हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं
सांज सवेरे तेरे गुण गाउँ
सांज सवेरे तेरे गुण गाउँ
प्रेम में रंगी मैं, रंगी भक्ति में तेरी
हे गोपाल कृष्णा, करूँ आरती तेरी
हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ
प्रेम में रंगी मैं, रंगी भक्ति में तेरी
हे गोपाल कृष्णा, करूँ आरती तेरी
हे गोपाल कृष्णा, करूँ आरती तेरी
ये माटी का (मेरा) तन है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया
तुम हो भगवन मेरे
कृष्ण कृष्ण कृष्ण रटे आत्मा मेरी
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया
तुम हो भगवन मेरे
कृष्ण कृष्ण कृष्ण रटे आत्मा मेरी
हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाये
मन ये चाहे हरपल अंखियां,
तेरा दर्शन पाये
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आश है मेरी
मन को हरता जाये
मन ये चाहे हरपल अंखियां,
तेरा दर्शन पाये
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आश है मेरी
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं
सांज सवेरे तेरे गुण गाउँ
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी
सांज सवेरे तेरे गुण गाउँ
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी
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