बरसाने वारी ओ राधे बरसाने वारी,
निक मेरी ओर निहार राधे बरसाने वारी।
कृपा की मोहन पर गिरिवर उठा दिया,
कृपा की गौरी पर माधव मिला दिया।
सबकी विपत्त हरी ओ राधे अब मेरी बारी। निक मेरी ओर निहार…
साँसों के अनमोल रत्न ये पल पल बीते जाते,
जन्म जन्म के पाप और पुण्य मुझको बहुत सताते।
स्वार्थ को संसार है राधे दुखी दुनिया सारी। निक मेरी ओर निहार…
तेरा भरोसा करके राधे दर तेरे आये,
दरबार हजारो देख लिए पर चैन नहीं पाये।
मधुर मिलन को अखियाँ तरसे ओ मोहन की प्यारी। निक मेरी ओर निहार…
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