अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में…
उद्धार पतन अब मेरा है
भगवान तुम्हारे हाथों में …
हम तुमको कभी नहीं भजते,
फिर भी तुम हमें नहीं तजते.
अपकार हमारे हाथों में,
उपकार तुम्हारे हाथों में..
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में…
हम में तुम में है भेद यही,
हम नर हैं, तुम नारायण हो.
हम हैं संसार के हाथों में,
संसार तुम्हारे हाथों में..
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में…
दृग बिंदु बनाया करते हैं,
एक सेतु विरह के सागर में.
जिससे हम पहुंचा करते हैं,
उस पार तुम्हारे हाथों में..
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में…
उद्धार पतन अब मेरा है
भगवान तुम्हारे हाथों में …
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